मैंने अभी तक Ajaz के ख़िलाफ़ police complaint file नहीं किया क्यूँकि में मुंबई से भार हु और में देखना चाहती थी कि भारत में रहने वाले भारतीय लोगों को देश की अखंडता के बारे में पड़ी है की नहीं 🙏
में Indian Media के दोगलेपण को भी देखना चाहती थी जिसको Kangana Ranauat जैसी अभिनेत्री ने देशद्रोही कहा अपनी नयी फ़िल्म की press conference में। मुंबई police के twitter ने मुझे ब्लाक किया उस पे भी कुछ news outlet जैसे iDiva ने मुझे बुरा भला कहा तो में उनके लिए यह video बना रही हु। पायल रोहतगी के अस्तित्व के बारे में भारत की feminists को नहीं पड़ी मगर भारत की अखंडता के बारे में भी नहीं पड़ी यह तो बहुत बुरी बात है ना।में इतने दीनो से चुप थी जब कि उसने मेरे लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया है क्यूँकि में उसके परिवार के बारे में सोच रही थी परंतु उसने मुझसे माफ़ी नहीं माँगी अभी तक और ना ही उसको मेरे परिवार के बारे में पड़ी है। अगर दूसरे दिन मैंने Ajaz जैसे के ख़िलाफ़ complaint करी होती तो आप मुझे ही publicity hungry औरत कहते। अब बात करते हैं भारत की Feminists, Swara Bhasker, Sonam Kapoor, Shabana Azmi जी भी जिनके ख़िलाफ़ मैंने बहुत videos बनाए हैं क्यूँकि इनकी सोच से सहमत नहीं हु काफ़ी बार। परंतु इन्होंने भी अभी तक Ajaz के विडीओ के ख़िलाफ़ नहीं कुछ बोला है जो आश्चरिया जनक है। Shabana जी के लिए मैंने अपशब्द का प्रयोग नहीं किया और Ajaz झूट बोल रहा है अपने विडीओ में। Swara के अस्तित्व के ऊपर भी मैंने comment नहीं किया जबकि मैं उसकी सोच से सहमत नहीं होती बहुत बार। Sonam के पिताजी वोहि प्रधानमंत्री के swearing in ceremony में जाते हैं जिसे वो एक fundamentalist कहती है।Gul Panang जी के साथ मैंने एक फ़िल्म की है और वो #Aap party की समर्थक है की क्या वो मुझे support करती है यह मामले में ? #payalrohatgi @beindiofficial
मैंने अभी तक Ajaz के ख़िलाफ़ police complaint file नहीं किया क्यूँकि में मुंबई से भार हु और में देखना चाहती थी कि भारत में रहने वाले भारतीय लोगों को देश की अखंडता के बारे में पड़ी है की नहीं 🙏
में Indian Media के दोगलेपण को भी देखना चाहती थी जिसको Kangana Ranauat जैसी अभिनेत्री ने देशद्रोही कहा अपनी नयी फ़िल्म की press conference में। मुंबई police के twitter ने मुझे ब्लाक किया उस पे भी कुछ news outlet जैसे iDiva ने मुझे बुरा भला कहा तो में उनके लिए यह video बना रही हु। पायल रोहतगी के अस्तित्व के बारे में भारत की feminists को नहीं पड़ी मगर भारत की अखंडता के बारे में भी नहीं पड़ी यह तो बहुत बुरी बात है ना।में इतने दीनो से चुप थी जब कि उसने मेरे लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया है क्यूँकि में उसके परिवार के बारे में सोच रही थी परंतु उसने मुझसे माफ़ी नहीं माँगी अभी तक और ना ही उसको मेरे परिवार के बारे में पड़ी है। अगर दूसरे दिन मैंने Ajaz जैसे के ख़िलाफ़ complaint करी होती तो आप मुझे ही publicity hungry औरत कहते। अब बात करते हैं भारत की Feminists, Swara Bhasker, Sonam Kapoor, Shabana Azmi जी भी जिनके ख़िलाफ़ मैंने बहुत videos बनाए हैं क्यूँकि इनकी सोच से सहमत नहीं हु काफ़ी बार। परंतु इन्होंने भी अभी तक Ajaz के विडीओ के ख़िलाफ़ नहीं कुछ बोला है जो आश्चरिया जनक है। Shabana जी के लिए मैंने अपशब्द का प्रयोग नहीं किया और Ajaz झूट बोल रहा है अपने विडीओ में। Swara के अस्तित्व के ऊपर भी मैंने comment नहीं किया जबकि मैं उसकी सोच से सहमत नहीं होती बहुत बार। Sonam के पिताजी वोहि प्रधानमंत्री के swearing in ceremony में जाते हैं जिसे वो एक fundamentalist कहती है।Gul Panang जी के साथ मैंने एक फ़िल्म की है और वो #Aap party की समर्थक है की क्या वो मुझे support करती है यह मामले में ? #payalrohatgi @beindiofficial
मैंने अभी तक Ajaz के ख़िलाफ़ police complaint file नहीं किया क्यूँकि में मुंबई से भार हु और में देखना चाहती थी कि भारत में रहने वाले भारतीय लोगों को देश की अखंडता के बारे में पड़ी है की नहीं 🙏
में Indian Media के दोगलेपण को भी देखना चाहती थी जिसको Kangana Ranauat जैसी अभिनेत्री ने देशद्रोही कहा अपनी नयी फ़िल्म की press conference में। मुंबई police के twitter ने मुझे ब्लाक किया उस पे भी कुछ news outlet जैसे iDiva ने मुझे बुरा भला कहा तो में उनके लिए यह video बना रही हु। पायल रोहतगी के अस्तित्व के बारे में भारत की feminists को नहीं पड़ी मगर भारत की अखंडता के बारे में भी नहीं पड़ी यह तो बहुत बुरी बात है ना।में इतने दीनो से चुप थी जब कि उसने मेरे लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया है क्यूँकि में उसके परिवार के बारे में सोच रही थी परंतु उसने मुझसे माफ़ी नहीं माँगी अभी तक और ना ही उसको मेरे परिवार के बारे में पड़ी है। अगर दूसरे दिन मैंने Ajaz जैसे के ख़िलाफ़ complaint करी होती तो आप मुझे ही publicity hungry औरत कहते। अब बात करते हैं भारत की Feminists, Swara Bhasker, Sonam Kapoor, Shabana Azmi जी भी जिनके ख़िलाफ़ मैंने बहुत videos बनाए हैं क्यूँकि इनकी सोच से सहमत नहीं हु काफ़ी बार। परंतु इन्होंने भी अभी तक Ajaz के विडीओ के ख़िलाफ़ नहीं कुछ बोला है जो आश्चरिया जनक है। Shabana जी के लिए मैंने अपशब्द का प्रयोग नहीं किया और Ajaz झूट बोल रहा है अपने विडीओ में। Swara के अस्तित्व के ऊपर भी मैंने comment नहीं किया जबकि मैं उसकी सोच से सहमत नहीं होती बहुत बार। Sonam के पिताजी वोहि प्रधानमंत्री के swearing in ceremony में जाते हैं जिसे वो एक fundamentalist कहती है।Gul Panang जी के साथ मैंने एक फ़िल्म की है और वो #Aap party की समर्थक है की क्या वो मुझे support करती है यह मामले में ? #payalrohatgi @beindiofficial
#SikhsAreHindus 🙏 Sikh Panth में अलगावाद कैसे फेलाया गया इसके ऊपर आज हम बात करेंगे। #MaxArthurMacauliffe करके इंसान ने यह सोच फेलाई के सिख हिन्दु नहीं होता और Guru Granth Saheb का translation भी किया।उनके क्या विचार थे Hinduism के बारे में वो अब हम आप सब से साथ share करेंगे। उनके हिसाब से Hinduism, America के एक बड़े साँप की तरह था जो अपने लपेटे में एक छोटे प्रतिधवांधी को ले लेता है। १८६४ में Civil Service द्वारा Max पंजाब आए।१८८२ में यह पंजाब के DC बने।उसने देखा की सिख एक ताक़तवर क़ौम है और आर्मी के लिए उपयुक्त इसलिए उनके लिए आर्मी में #आरक्षण शुरू किया।Max ने आरक्षण के द्वारा हिन्दु का सिख में धर्म परिवर्तन करना शुरू किया जो उस समय धर्म परिवर्तन की तौर से नहीं देखा जाता था।यह करने से सिख की जनसंख्या बड़ने लगी 🙏
कान्हा सिंह नाभा कि किताब – ‘हम हिन्दु नहीं’ की funding भी Max Arthur ने की थी। Max ने ख़ुद एक किताब लिखी जहाँ उन्होंने Khalsa पूजा प्रकृति आरम्भ की और सिखों के लिए आर्मी में शपथ ग्रहण की अलग परमपारा की शुरूआत की ।
महंतो के देखरेख में गुरुद्वारा और दरबार हुआ करते थे उस समय।परंतु महंतो से यह छिनकर खालसा सीखो को देने का विचार भी Max Arthur का था।महंतो के ख़िलाफ़ साज़िश शुरू की गयी और उन्हें बदनाम करने का सिलसिला शुरू हुआ। बहुत सारे गुरुद्वारों को police के सहयोग से भी कबजाया गया। १९२५ में सिख गुरुद्वारा bill पारित हुआ और क़ानूनी तरीक़े से गुरुद्वारों के क़ब्ज़े खालसा सीखो को दिए गए।
SGPC का गठन हुआ जो निर्णय लेता था कि कौन सिख है और कौन नहीं।पूर्ण रूप से सिखों से हिन्दु विघठन निकालने का कार्य शुरू हुआ।SGPC सिख इतिहास को अलग तरीक़े से लिखने लगा और हिन्दु परछाईं को भी दूर करने लगा।यहाँ भी ब्राह्मण को villain तहित दिखाने का प्रयास करा गया।पंजाबी में फ़ारसी भाषा के शब्दों का प्रयोग किया जाने लगा। Guru Gobind Singh जी कि वाणी Dasam Granth में भी ब्राह्मण की ख़िलाफ़ सोच को फेलाने की कोशिश की गायी।हक़ीक़त राय, सती दास, मती दास, भाई दयाल के बलिदान को सीखो के बलिदान बताकर प्रचारित किया गया जबकि इनके वंशज तो आज की तारीख़ में भी हिन्दु है। बंदा बहादुर जिसका उस समय तत् खालसा द्वारा विरोध किया जाता था और मुग़लों से मिलकर उसे पकड़ाया गया था SGPC आज उसे सिख हीरो के रूप में बताती है। निर्मल अखाड़ा Guru Gobind Singh जी की डाली हुई संसथा थी और sanskrit का प्रचार करती थी उसे भी SGPC ने नकार दिया। #payalrohatgi @kakandora
#SikhsAreHindus 🙏 Sikh Panth में अलगावाद कैसे फेलाया गया इसके ऊपर आज हम बात करेंगे। #MaxArthurMacauliffe करके इंसान ने यह सोच फेलाई के सिख हिन्दु नहीं होता और Guru Granth Saheb का translation भी किया।उनके क्या विचार थे Hinduism के बारे में वो अब हम आप सब से साथ share करेंगे। उनके हिसाब से Hinduism, America के एक बड़े साँप की तरह था जो अपने लपेटे में एक छोटे प्रतिधवांधी को ले लेता है। १८६४ में Civil Service द्वारा Max पंजाब आए।१८८२ में यह पंजाब के DC बने।उसने देखा की सिख एक ताक़तवर क़ौम है और आर्मी के लिए उपयुक्त इसलिए उनके लिए आर्मी में #आरक्षण शुरू किया।Max ने आरक्षण के द्वारा हिन्दु का सिख में धर्म परिवर्तन करना शुरू किया जो उस समय धर्म परिवर्तन की तौर से नहीं देखा जाता था।यह करने से सिख की जनसंख्या बड़ने लगी 🙏
कान्हा सिंह नाभा कि किताब – ‘हम हिन्दु नहीं’ की funding भी Max Arthur ने की थी। Max ने ख़ुद एक किताब लिखी जहाँ उन्होंने Khalsa पूजा प्रकृति आरम्भ की और सिखों के लिए आर्मी में शपथ ग्रहण की अलग परमपारा की शुरूआत की ।
महंतो के देखरेख में गुरुद्वारा और दरबार हुआ करते थे उस समय।परंतु महंतो से यह छिनकर खालसा सीखो को देने का विचार भी Max Arthur का था।महंतो के ख़िलाफ़ साज़िश शुरू की गयी और उन्हें बदनाम करने का सिलसिला शुरू हुआ। बहुत सारे गुरुद्वारों को police के सहयोग से भी कबजाया गया। १९२५ में सिख गुरुद्वारा bill पारित हुआ और क़ानूनी तरीक़े से गुरुद्वारों के क़ब्ज़े खालसा सीखो को दिए गए।
SGPC का गठन हुआ जो निर्णय लेता था कि कौन सिख है और कौन नहीं।पूर्ण रूप से सिखों से हिन्दु विघठन निकालने का कार्य शुरू हुआ।SGPC सिख इतिहास को अलग तरीक़े से लिखने लगा और हिन्दु परछाईं को भी दूर करने लगा।यहाँ भी ब्राह्मण को villain तहित दिखाने का प्रयास करा गया।पंजाबी में फ़ारसी भाषा के शब्दों का प्रयोग किया जाने लगा। Guru Gobind Singh जी कि वाणी Dasam Granth में भी ब्राह्मण की ख़िलाफ़ सोच को फेलाने की कोशिश की गायी।हक़ीक़त राय, सती दास, मती दास, भाई दयाल के बलिदान को सीखो के बलिदान बताकर प्रचारित किया गया जबकि इनके वंशज तो आज की तारीख़ में भी हिन्दु है। बंदा बहादुर जिसका उस समय तत् खालसा द्वारा विरोध किया जाता था और मुग़लों से मिलकर उसे पकड़ाया गया था SGPC आज उसे सिख हीरो के रूप में बताती है। निर्मल अखाड़ा Guru Gobind Singh जी की डाली हुई संसथा थी और sanskrit का प्रचार करती थी उसे भी SGPC ने नकार दिया। #payalrohatgi @kakandora
#SikhsAreHindus 🙏 Sikh Panth में अलगावाद कैसे फेलाया गया इसके ऊपर आज हम बात करेंगे। #MaxArthurMacauliffe करके इंसान ने यह सोच फेलाई के सिख हिन्दु नहीं होता और Guru Granth Saheb का translation भी किया।उनके क्या विचार थे Hinduism के बारे में वो अब हम आप सब से साथ share करेंगे। उनके हिसाब से Hinduism, America के एक बड़े साँप की तरह था जो अपने लपेटे में एक छोटे प्रतिधवांधी को ले लेता है। १८६४ में Civil Service द्वारा Max पंजाब आए।१८८२ में यह पंजाब के DC बने।उसने देखा की सिख एक ताक़तवर क़ौम है और आर्मी के लिए उपयुक्त इसलिए उनके लिए आर्मी में #आरक्षण शुरू किया।Max ने आरक्षण के द्वारा हिन्दु का सिख में धर्म परिवर्तन करना शुरू किया जो उस समय धर्म परिवर्तन की तौर से नहीं देखा जाता था।यह करने से सिख की जनसंख्या बड़ने लगी 🙏
कान्हा सिंह नाभा कि किताब – ‘हम हिन्दु नहीं’ की funding भी Max Arthur ने की थी। Max ने ख़ुद एक किताब लिखी जहाँ उन्होंने Khalsa पूजा प्रकृति आरम्भ की और सिखों के लिए आर्मी में शपथ ग्रहण की अलग परमपारा की शुरूआत की ।
महंतो के देखरेख में गुरुद्वारा और दरबार हुआ करते थे उस समय।परंतु महंतो से यह छिनकर खालसा सीखो को देने का विचार भी Max Arthur का था।महंतो के ख़िलाफ़ साज़िश शुरू की गयी और उन्हें बदनाम करने का सिलसिला शुरू हुआ। बहुत सारे गुरुद्वारों को police के सहयोग से भी कबजाया गया। १९२५ में सिख गुरुद्वारा bill पारित हुआ और क़ानूनी तरीक़े से गुरुद्वारों के क़ब्ज़े खालसा सीखो को दिए गए।
SGPC का गठन हुआ जो निर्णय लेता था कि कौन सिख है और कौन नहीं।पूर्ण रूप से सिखों से हिन्दु विघठन निकालने का कार्य शुरू हुआ।SGPC सिख इतिहास को अलग तरीक़े से लिखने लगा और हिन्दु परछाईं को भी दूर करने लगा।यहाँ भी ब्राह्मण को villain तहित दिखाने का प्रयास करा गया।पंजाबी में फ़ारसी भाषा के शब्दों का प्रयोग किया जाने लगा। Guru Gobind Singh जी कि वाणी Dasam Granth में भी ब्राह्मण की ख़िलाफ़ सोच को फेलाने की कोशिश की गायी।हक़ीक़त राय, सती दास, मती दास, भाई दयाल के बलिदान को सीखो के बलिदान बताकर प्रचारित किया गया जबकि इनके वंशज तो आज की तारीख़ में भी हिन्दु है। बंदा बहादुर जिसका उस समय तत् खालसा द्वारा विरोध किया जाता था और मुग़लों से मिलकर उसे पकड़ाया गया था SGPC आज उसे सिख हीरो के रूप में बताती है। निर्मल अखाड़ा Guru Gobind Singh जी की डाली हुई संसथा थी और sanskrit का प्रचार करती थी उसे भी SGPC ने नकार दिया। #payalrohatgi @kakandora
#SikhsAreHindus 🙏 Sikh Panth में अलगावाद कैसे फेलाया गया इसके ऊपर आज हम बात करेंगे। #MaxArthurMacauliffe करके इंसान ने यह सोच फेलाई के सिख हिन्दु नहीं होता और Guru Granth Saheb का translation भी किया।उनके क्या विचार थे Hinduism के बारे में वो अब हम आप सब से साथ share करेंगे। उनके हिसाब से Hinduism, America के एक बड़े साँप की तरह था जो अपने लपेटे में एक छोटे प्रतिधवांधी को ले लेता है। १८६४ में Civil Service द्वारा Max पंजाब आए।१८८२ में यह पंजाब के DC बने।उसने देखा की सिख एक ताक़तवर क़ौम है और आर्मी के लिए उपयुक्त इसलिए उनके लिए आर्मी में #आरक्षण शुरू किया।Max ने आरक्षण के द्वारा हिन्दु का सिख में धर्म परिवर्तन करना शुरू किया जो उस समय धर्म परिवर्तन की तौर से नहीं देखा जाता था।यह करने से सिख की जनसंख्या बड़ने लगी 🙏
कान्हा सिंह नाभा कि किताब – ‘हम हिन्दु नहीं’ की funding भी Max Arthur ने की थी। Max ने ख़ुद एक किताब लिखी जहाँ उन्होंने Khalsa पूजा प्रकृति आरम्भ की और सिखों के लिए आर्मी में शपथ ग्रहण की अलग परमपारा की शुरूआत की ।
महंतो के देखरेख में गुरुद्वारा और दरबार हुआ करते थे उस समय।परंतु महंतो से यह छिनकर खालसा सीखो को देने का विचार भी Max Arthur का था।महंतो के ख़िलाफ़ साज़िश शुरू की गयी और उन्हें बदनाम करने का सिलसिला शुरू हुआ। बहुत सारे गुरुद्वारों को police के सहयोग से भी कबजाया गया। १९२५ में सिख गुरुद्वारा bill पारित हुआ और क़ानूनी तरीक़े से गुरुद्वारों के क़ब्ज़े खालसा सीखो को दिए गए।
SGPC का गठन हुआ जो निर्णय लेता था कि कौन सिख है और कौन नहीं।पूर्ण रूप से सिखों से हिन्दु विघठन निकालने का कार्य शुरू हुआ।SGPC सिख इतिहास को अलग तरीक़े से लिखने लगा और हिन्दु परछाईं को भी दूर करने लगा।यहाँ भी ब्राह्मण को villain तहित दिखाने का प्रयास करा गया।पंजाबी में फ़ारसी भाषा के शब्दों का प्रयोग किया जाने लगा। Guru Gobind Singh जी कि वाणी Dasam Granth में भी ब्राह्मण की ख़िलाफ़ सोच को फेलाने की कोशिश की गायी।हक़ीक़त राय, सती दास, मती दास, भाई दयाल के बलिदान को सीखो के बलिदान बताकर प्रचारित किया गया जबकि इनके वंशज तो आज की तारीख़ में भी हिन्दु है। बंदा बहादुर जिसका उस समय तत् खालसा द्वारा विरोध किया जाता था और मुग़लों से मिलकर उसे पकड़ाया गया था SGPC आज उसे सिख हीरो के रूप में बताती है। निर्मल अखाड़ा Guru Gobind Singh जी की डाली हुई संसथा थी और sanskrit का प्रचार करती थी उसे भी SGPC ने नकार दिया। #payalrohatgi @kakandora
#SikhsAreHindus 🙏 Sikh Panth में अलगावाद कैसे फेलाया गया इसके ऊपर आज हम बात करेंगे। #MaxArthurMacauliffe करके इंसान ने यह सोच फेलाई के सिख हिन्दु नहीं होता और Guru Granth Saheb का translation भी किया।उनके क्या विचार थे Hinduism के बारे में वो अब हम आप सब से साथ share करेंगे। उनके हिसाब से Hinduism, America के एक बड़े साँप की तरह था जो अपने लपेटे में एक छोटे प्रतिधवांधी को ले लेता है। १८६४ में Civil Service द्वारा Max पंजाब आए।१८८२ में यह पंजाब के DC बने।उसने देखा की सिख एक ताक़तवर क़ौम है और आर्मी के लिए उपयुक्त इसलिए उनके लिए आर्मी में #आरक्षण शुरू किया।Max ने आरक्षण के द्वारा हिन्दु का सिख में धर्म परिवर्तन करना शुरू किया जो उस समय धर्म परिवर्तन की तौर से नहीं देखा जाता था।यह करने से सिख की जनसंख्या बड़ने लगी 🙏
कान्हा सिंह नाभा कि किताब – ‘हम हिन्दु नहीं’ की funding भी Max Arthur ने की थी। Max ने ख़ुद एक किताब लिखी जहाँ उन्होंने Khalsa पूजा प्रकृति आरम्भ की और सिखों के लिए आर्मी में शपथ ग्रहण की अलग परमपारा की शुरूआत की ।
महंतो के देखरेख में गुरुद्वारा और दरबार हुआ करते थे उस समय।परंतु महंतो से यह छिनकर खालसा सीखो को देने का विचार भी Max Arthur का था।महंतो के ख़िलाफ़ साज़िश शुरू की गयी और उन्हें बदनाम करने का सिलसिला शुरू हुआ। बहुत सारे गुरुद्वारों को police के सहयोग से भी कबजाया गया। १९२५ में सिख गुरुद्वारा bill पारित हुआ और क़ानूनी तरीक़े से गुरुद्वारों के क़ब्ज़े खालसा सीखो को दिए गए।
SGPC का गठन हुआ जो निर्णय लेता था कि कौन सिख है और कौन नहीं।पूर्ण रूप से सिखों से हिन्दु विघठन निकालने का कार्य शुरू हुआ।SGPC सिख इतिहास को अलग तरीक़े से लिखने लगा और हिन्दु परछाईं को भी दूर करने लगा।यहाँ भी ब्राह्मण को villain तहित दिखाने का प्रयास करा गया।पंजाबी में फ़ारसी भाषा के शब्दों का प्रयोग किया जाने लगा। Guru Gobind Singh जी कि वाणी Dasam Granth में भी ब्राह्मण की ख़िलाफ़ सोच को फेलाने की कोशिश की गायी।हक़ीक़त राय, सती दास, मती दास, भाई दयाल के बलिदान को सीखो के बलिदान बताकर प्रचारित किया गया जबकि इनके वंशज तो आज की तारीख़ में भी हिन्दु है। बंदा बहादुर जिसका उस समय तत् खालसा द्वारा विरोध किया जाता था और मुग़लों से मिलकर उसे पकड़ाया गया था SGPC आज उसे सिख हीरो के रूप में बताती है। निर्मल अखाड़ा Guru Gobind Singh जी की डाली हुई संसथा थी और sanskrit का प्रचार करती थी उसे भी SGPC ने नकार दिया। #payalrohatgi @kakandora
#SikhsAreHindus 🙏 Sikh Panth में अलगावाद कैसे फेलाया गया इसके ऊपर आज हम बात करेंगे। #MaxArthurMacauliffe करके इंसान ने यह सोच फेलाई के सिख हिन्दु नहीं होता और Guru Granth Saheb का translation भी किया।उनके क्या विचार थे Hinduism के बारे में वो अब हम आप सब से साथ share करेंगे। उनके हिसाब से Hinduism, America के एक बड़े साँप की तरह था जो अपने लपेटे में एक छोटे प्रतिधवांधी को ले लेता है। १८६४ में Civil Service द्वारा Max पंजाब आए।१८८२ में यह पंजाब के DC बने।उसने देखा की सिख एक ताक़तवर क़ौम है और आर्मी के लिए उपयुक्त इसलिए उनके लिए आर्मी में #आरक्षण शुरू किया।Max ने आरक्षण के द्वारा हिन्दु का सिख में धर्म परिवर्तन करना शुरू किया जो उस समय धर्म परिवर्तन की तौर से नहीं देखा जाता था।यह करने से सिख की जनसंख्या बड़ने लगी 🙏
कान्हा सिंह नाभा कि किताब – ‘हम हिन्दु नहीं’ की funding भी Max Arthur ने की थी। Max ने ख़ुद एक किताब लिखी जहाँ उन्होंने Khalsa पूजा प्रकृति आरम्भ की और सिखों के लिए आर्मी में शपथ ग्रहण की अलग परमपारा की शुरूआत की ।
महंतो के देखरेख में गुरुद्वारा और दरबार हुआ करते थे उस समय।परंतु महंतो से यह छिनकर खालसा सीखो को देने का विचार भी Max Arthur का था।महंतो के ख़िलाफ़ साज़िश शुरू की गयी और उन्हें बदनाम करने का सिलसिला शुरू हुआ। बहुत सारे गुरुद्वारों को police के सहयोग से भी कबजाया गया। १९२५ में सिख गुरुद्वारा bill पारित हुआ और क़ानूनी तरीक़े से गुरुद्वारों के क़ब्ज़े खालसा सीखो को दिए गए।
SGPC का गठन हुआ जो निर्णय लेता था कि कौन सिख है और कौन नहीं।पूर्ण रूप से सिखों से हिन्दु विघठन निकालने का कार्य शुरू हुआ।SGPC सिख इतिहास को अलग तरीक़े से लिखने लगा और हिन्दु परछाईं को भी दूर करने लगा।यहाँ भी ब्राह्मण को villain तहित दिखाने का प्रयास करा गया।पंजाबी में फ़ारसी भाषा के शब्दों का प्रयोग किया जाने लगा। Guru Gobind Singh जी कि वाणी Dasam Granth में भी ब्राह्मण की ख़िलाफ़ सोच को फेलाने की कोशिश की गायी।हक़ीक़त राय, सती दास, मती दास, भाई दयाल के बलिदान को सीखो के बलिदान बताकर प्रचारित किया गया जबकि इनके वंशज तो आज की तारीख़ में भी हिन्दु है। बंदा बहादुर जिसका उस समय तत् खालसा द्वारा विरोध किया जाता था और मुग़लों से मिलकर उसे पकड़ाया गया था SGPC आज उसे सिख हीरो के रूप में बताती है। निर्मल अखाड़ा Guru Gobind Singh जी की डाली हुई संसथा थी और sanskrit का प्रचार करती थी उसे भी SGPC ने नकार दिया। #payalrohatgi @kakandora
सनातन धर्म के अंदर हम गौमाता को पूजते हैं और माँ तक का दर्जा देते हैं और इस बात पर हिन्दु विरोधी लोग काफ़ी मज़ाक़ उड़ाते हैं जिनके धर्म में औरतों को पुरुष से सामान्य भी नहीं समझा जाता। इन लोगों को सबसे पहले हम #CowUrine के फ़ायदे बताते हैं जिसका इस्तेमाल किया जाता है diabetes, heart problems, blood pressure, asthma, cancer जैसी बीमारीयो का इलाज करने में। Cow Urine में काफ़ी ऐसे प्रदार्थ होते हैं जो मनुष्य के शरीर में होते हैं।इसके बावजूद सनातन धर्म को regressive कहते हैं यह पड़े लिखे लोग 😉
हमने एक video भी share किया है कि कैसे #Camel Urine कुछ Arab लोग पे रहे हैं और Camel Urine को मुस्लिम देशों में बेचा भी जाता है।कहते हैं की इससे पीने से बालों में dandruff नहीं होता 🤣🤣 अब अगर Cow urine ओर Camel urine दोनो का फ़ाईदाँ देखे तो Cow urine ज़्यादा फ़ाईदे जनक लगती हैं 😉
इसके इलावाँ उन लोगों को मेरा संदेश जिन्होंने गौमाता को काटा है कि सनातन धर्म में हम कर्म में मानते हैं। और सबको अपने कर्म का फल ज़रूर मिलता है। Barkha Dutt करके पत्रकार को हम इतना कहना चाहते हैं जिनके show पे नक़ली feminists कहती हैं कि भारत में लोगों के खाने की choice पे भी सवाल उठाया जाता है की हम तो आप जैसे गौ हत्यारों को समझा सकते हैं बाक़ी कर्मों की सज़ा तो भगवान देगा 🙏 #payalrohatgi
सनातन धर्म के अंदर हम गौमाता को पूजते हैं और माँ तक का दर्जा देते हैं और इस बात पर हिन्दु विरोधी लोग काफ़ी मज़ाक़ उड़ाते हैं जिनके धर्म में औरतों को पुरुष से सामान्य भी नहीं समझा जाता। इन लोगों को सबसे पहले हम #CowUrine के फ़ायदे बताते हैं जिसका इस्तेमाल किया जाता है diabetes, heart problems, blood pressure, asthma, cancer जैसी बीमारीयो का इलाज करने में। Cow Urine में काफ़ी ऐसे प्रदार्थ होते हैं जो मनुष्य के शरीर में होते हैं।इसके बावजूद सनातन धर्म को regressive कहते हैं यह पड़े लिखे लोग 😉
हमने एक video भी share किया है कि कैसे #Camel Urine कुछ Arab लोग पे रहे हैं और Camel Urine को मुस्लिम देशों में बेचा भी जाता है।कहते हैं की इससे पीने से बालों में dandruff नहीं होता 🤣🤣 अब अगर Cow urine ओर Camel urine दोनो का फ़ाईदाँ देखे तो Cow urine ज़्यादा फ़ाईदे जनक लगती हैं 😉
इसके इलावाँ उन लोगों को मेरा संदेश जिन्होंने गौमाता को काटा है कि सनातन धर्म में हम कर्म में मानते हैं। और सबको अपने कर्म का फल ज़रूर मिलता है। Barkha Dutt करके पत्रकार को हम इतना कहना चाहते हैं जिनके show पे नक़ली feminists कहती हैं कि भारत में लोगों के खाने की choice पे भी सवाल उठाया जाता है की हम तो आप जैसे गौ हत्यारों को समझा सकते हैं बाक़ी कर्मों की सज़ा तो भगवान देगा 🙏 #payalrohatgi
सनातन धर्म के अंदर हम गौमाता को पूजते हैं और माँ तक का दर्जा देते हैं और इस बात पर हिन्दु विरोधी लोग काफ़ी मज़ाक़ उड़ाते हैं जिनके धर्म में औरतों को पुरुष से सामान्य भी नहीं समझा जाता। इन लोगों को सबसे पहले हम #CowUrine के फ़ायदे बताते हैं जिसका इस्तेमाल किया जाता है diabetes, heart problems, blood pressure, asthma, cancer जैसी बीमारीयो का इलाज करने में। Cow Urine में काफ़ी ऐसे प्रदार्थ होते हैं जो मनुष्य के शरीर में होते हैं।इसके बावजूद सनातन धर्म को regressive कहते हैं यह पड़े लिखे लोग 😉
हमने एक video भी share किया है कि कैसे #Camel Urine कुछ Arab लोग पे रहे हैं और Camel Urine को मुस्लिम देशों में बेचा भी जाता है।कहते हैं की इससे पीने से बालों में dandruff नहीं होता 🤣🤣 अब अगर Cow urine ओर Camel urine दोनो का फ़ाईदाँ देखे तो Cow urine ज़्यादा फ़ाईदे जनक लगती हैं 😉
इसके इलावाँ उन लोगों को मेरा संदेश जिन्होंने गौमाता को काटा है कि सनातन धर्म में हम कर्म में मानते हैं। और सबको अपने कर्म का फल ज़रूर मिलता है। Barkha Dutt करके पत्रकार को हम इतना कहना चाहते हैं जिनके show पे नक़ली feminists कहती हैं कि भारत में लोगों के खाने की choice पे भी सवाल उठाया जाता है की हम तो आप जैसे गौ हत्यारों को समझा सकते हैं बाक़ी कर्मों की सज़ा तो भगवान देगा 🙏 #payalrohatgi
सनातन धर्म के अंदर हम गौमाता को पूजते हैं और माँ तक का दर्जा देते हैं और इस बात पर हिन्दु विरोधी लोग काफ़ी मज़ाक़ उड़ाते हैं जिनके धर्म में औरतों को पुरुष से सामान्य भी नहीं समझा जाता। इन लोगों को सबसे पहले हम #CowUrine के फ़ायदे बताते हैं जिसका इस्तेमाल किया जाता है diabetes, heart problems, blood pressure, asthma, cancer जैसी बीमारीयो का इलाज करने में। Cow Urine में काफ़ी ऐसे प्रदार्थ होते हैं जो मनुष्य के शरीर में होते हैं।इसके बावजूद सनातन धर्म को regressive कहते हैं यह पड़े लिखे लोग 😉
हमने एक video भी share किया है कि कैसे #Camel Urine कुछ Arab लोग पे रहे हैं और Camel Urine को मुस्लिम देशों में बेचा भी जाता है।कहते हैं की इससे पीने से बालों में dandruff नहीं होता 🤣🤣 अब अगर Cow urine ओर Camel urine दोनो का फ़ाईदाँ देखे तो Cow urine ज़्यादा फ़ाईदे जनक लगती हैं 😉
इसके इलावाँ उन लोगों को मेरा संदेश जिन्होंने गौमाता को काटा है कि सनातन धर्म में हम कर्म में मानते हैं। और सबको अपने कर्म का फल ज़रूर मिलता है। Barkha Dutt करके पत्रकार को हम इतना कहना चाहते हैं जिनके show पे नक़ली feminists कहती हैं कि भारत में लोगों के खाने की choice पे भी सवाल उठाया जाता है की हम तो आप जैसे गौ हत्यारों को समझा सकते हैं बाक़ी कर्मों की सज़ा तो भगवान देगा 🙏 #payalrohatgi
सनातन धर्म के अंदर हम गौमाता को पूजते हैं और माँ तक का दर्जा देते हैं और इस बात पर हिन्दु विरोधी लोग काफ़ी मज़ाक़ उड़ाते हैं जिनके धर्म में औरतों को पुरुष से सामान्य भी नहीं समझा जाता। इन लोगों को सबसे पहले हम #CowUrine के फ़ायदे बताते हैं जिसका इस्तेमाल किया जाता है diabetes, heart problems, blood pressure, asthma, cancer जैसी बीमारीयो का इलाज करने में। Cow Urine में काफ़ी ऐसे प्रदार्थ होते हैं जो मनुष्य के शरीर में होते हैं।इसके बावजूद सनातन धर्म को regressive कहते हैं यह पड़े लिखे लोग 😉
हमने एक video भी share किया है कि कैसे #Camel Urine कुछ Arab लोग पे रहे हैं और Camel Urine को मुस्लिम देशों में बेचा भी जाता है।कहते हैं की इससे पीने से बालों में dandruff नहीं होता 🤣🤣 अब अगर Cow urine ओर Camel urine दोनो का फ़ाईदाँ देखे तो Cow urine ज़्यादा फ़ाईदे जनक लगती हैं 😉
इसके इलावाँ उन लोगों को मेरा संदेश जिन्होंने गौमाता को काटा है कि सनातन धर्म में हम कर्म में मानते हैं। और सबको अपने कर्म का फल ज़रूर मिलता है। Barkha Dutt करके पत्रकार को हम इतना कहना चाहते हैं जिनके show पे नक़ली feminists कहती हैं कि भारत में लोगों के खाने की choice पे भी सवाल उठाया जाता है की हम तो आप जैसे गौ हत्यारों को समझा सकते हैं बाक़ी कर्मों की सज़ा तो भगवान देगा 🙏 #payalrohatgi
वर्तमान में अगर कोई हिंदुओ को जगाने की प्रयत्न करते हैं तो समाज में बैठे जैचंद उन्हें नफ़रत फलाने वाले की पदवी दे देते हैं 🙏 #payalrohatgi
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Hap’s Fashion One Of My Favorite Queen @payalrohatgi.
Wearing : @fancypastelsindia
#payalrohatgi #fancypastelsindia #beautifulqueen #queen #instalover #gorgeouswomen #bollywood. I called Swara #educated but that doesn’t mean Educated Hindus don’t suffer from #Hinduphobia else she wouldn’t glorify Mughals 😉🤣. Education only helps people read/write/hear but not decoding info. Ajaz is unable to even hear anything. He is #uneducated kind 🙏 #SundayThoughts
#ShabanaAzmi ने कोई rally में speech दी है जिसका content हमने पड़ा अभी जहाँ हमें लग रहा है की वो एक biased सोच लोगों में फेलाना चाहती हैं। शायद वो राजनीति में भी आना चाहती हैं 😉। सबसे पहले उसने भारत देश को #मुल्क कहकर पुकारा है जो एक उर्दू शब्द है, यह दिखता है उनका इसलामिकरन विचार।
यहाँ hindutva ideology के लोग रहते हैं जहाँ विभिन धर्म के लोग साथ रहते हैं और भारतीय मसलीमस भी रहते हैं परंतु यह इस्लामिक मुल्क नहीं है Shabana जी 🤨। अपनी speech में वो महिलाओं को address कर रही हैं क्यूँकि वो भी Feminist हैं 😜 तो हम तो सिर्फ़ यही कहेंगे की उनको शायद उनके धर्म के maulvi ने धंधेवाली कहा था जब उन्होंने Bollywood में काम शुरू किया था।उनके धर्म के अंदर एक अभिनेत्री ने Bollywood में ना काम करने का फेसला लिया क्यूँकि क़ुरान के अनुसार वो अल्लाह से दूर हो रही थी। उनके धर्म मैं शादी में Triple Talaq और Halala जैसी प्रथा है मगर Shabana Azmi जी इसके ऊपर बात नहीं करती जब speech देती है 😉। फिर वो बात करती हैं बच्चों की भलाई की तो हम उन्हें फिर से कहते हैं की आपको #PopulationControlBill जैसी समस्या पे भी बात करनी चाहिए क्यूँकि आपके धर्म के अंदर कुछ लोग १४ बच्चे पैदा करवाते हैं अपनी बीवीओ से जो बहुत ग़लत हैं बच्चे के भविष्य के लिए और माँ की सेहत के लिए ।
आप कह रही हैं की जो सरकार के ख़िलाफ़ है उसे लोग AntiNational कहते हैं परंतु आप ख़ुद #KanhaiyaKumar जैसे अफ़ज़ल के समर्थक के साथ फ़ोटो खिचवा रही थी। आपको बाबरी मस्जिद के तोड़ने पर भी ऐतराज़ है तो हम तो यही कहेंगे की बाबर जो एक हिन्दु क़ातिल था उसने वो मस्जिद बनाया था और अगर उसका मस्जिद कट्टर हिंदुओ ने तोड़ दिया तो क्या बड़ी बात है ? बाबर के followers को तो कांग्रिस ने पाकिस्तान और बांग्लादेश दिया और अब क्या हिन्दुत्व भारत में भी उनको सिर पर बैठाना पड़ेगा क्यूँकि आज जैसो को राजनीति में आना है ?
अपने क़ौम के लोगों ने अभी तक यह बाबरी मस्जिद वाली लड़ाई क्यूँ चालू रखी है ? आपने उनको क्यूँ नहीं बोला की यह लड़ाई छोड़ दे ? अभी आप फिर से सेक्युलर हिन्दु को guilty करवाना चाहती हैं की राम ऐसे शक्श नहीं थे जो बाबरी को तोड़वाते तो दादी माँ राम सबसे पहले शक्श नहीं भगवान हैं हम हिंदुओ के और उनके जनस्थान पे मंदिर बनना हर हिन्दु कर धर्म 🙏 #payalrohatgi
🌹🙏🏻गुरुर्ब्रम्हा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः !!
गुरु साक्षात परब्रम्ह तस्मै श्री गुरवे नमः !!🙏🏻🌹 #gurupoornima🙏 #payalrohatgi
आज हम बात करने वाले है उस आदमी के बारे में जिसके ऊपर #नशा लेने का police case है और औरतों के साथ बत्ततामिजी करने का भी आरोप है #AjazKhan।इसने मेरी पहले कि फ़िल्मों में side roles किए हैं और यह एक अभिनेता है जो काफ़ी frustrated हैं क्यूँकि इसे काम नहीं मिलता 🤨 बॉलीवुड में। यह reality show #BiggBoss में भी था संग्राम जी के साथ और दोस्ती का नक़ली ड्रामा करता था हमारे साथ।इसने मेरा video #ShabanaAzmi पे देखा और मुझे लगता है नशे की हालत में मेरे ख़िलाफ़ video बनाया है क्यूँकि मेरे विडीओ में मैं एक maulvi के शब्द कह रही थी Shabana Azmi को क्यूँकि वो औरतों के हक़ की बात कर रही थी कोई speech में। मगर यह नशेबाज़ ने अपने विडीओ में कहा कि मैं Shabana Azmi को तवाइफ कह रही हु 🤨। क्या वो बेहरा है या जानबूचकर भारतीय मुस्लिम भाईओ और बहनो को मीट ख़िलाफ़ करना चाहता है ??? बुरा लगता है जब ऐसे लोग करते हैं , यह बहुत बार जेल भी जा चुका है और फिर भी शुधरा नहीं है।Bigg Boss में भी यह आदमी Gauhar Khan जो show में Diwali नहीं मनाना चाहती थी क्यूँकि वो एक हिन्दु त्योहार था दिखाता है इन लोगों की सोच।
पहले भी यह दोनो ने मुझे Article 370 के ऊपर misquote किया था और धमक्की दी थी।अगर फिर से दोनो ने ऐसा किया तो दोनो के ख़िलाफ़ मुझे policecomplaint करनी पड़ेगी🙏
Dog lovers are pet lovers. Cow lovers are Sanghi 😉. Drinking Cow Urine is regressive but drinking Camel Urine is progressive 🤣🤣🤣 #LiberalsareJerks #JaiShriRam #PayalRohatgi
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#fashion #ashimasharma #designerashimasharma #bollywood सही में मैं कोई नहीं हु #ShabanaAzmi जी जैसी कलाकार के ऊपर उनके acting career पे comment करने के लिए परंतु भारतीय नागरिक होने के ख़ातिर मैं बहुत कुछ comment कर सकती हूँ अगर मेरे देश के वंशियों के बारे में बात आती है तो। Indian Muslims को कहने की जगह की आपको यह land हिंदुओ को दे देना चाहिए था Shabana Azmi जी उलटा हिंदुओ को guilty महसूस कराने की कोशिश कर रही थी जिससे मुझे ग़ुस्सा आया। Shabana Azmi जो #AwardWapasi gang की हैं उनको ख़ुद awards मिले हैं 1975 में जब Emergency हुई थी, 1984 में जब Sikh Genocide हुआ था, 1988 में Rajiv Gandhi जी जब देश के प्रधानमंत्री थे और 2012 में जब Manmohan Singh जी देश के PM थे परंतु इन्हें कभी असहेनशीलता महसूस नहीं हुई।
मैं कभी भी Shabana Azmi जी को Anti National नहीं मानती थी परंतु जब मैंने उनका फ़ोटो #KanhaiyaKumar जैसे आतंकवादी समर्थक के साथ देखा तबसे समझने लगी। इन्होंने माँ दुर्गा के ९ रूप के ऊपर भी टिप्पणी करी थी नवरात्रि के समय परंतु अपने धर्म के अंदर की पिछड़ी सोच के लिए कभी आंदोलन नहीं किया। कुछ महीनो से में राजनीति पर अपने विचार रख रही हूँ और लोग कहते हैं की मेरे पास काम नहीं है इसलिए में यह कर रही हू इसलिए मुझे लगा कि अगर Shabana जी भी अभी राजनीति के ऊपर अपनी राय रख रही हैं तो शायद उन्हें भी काम नहीं मिल रहा होगा 😉
अब बात करते हैं #JavedAkhtar Saab की जिन्होंने बहुत ही नफ़रत भरा जवाब दिया है एक troll को जब वो उन्हें Bengal में हुई हिन्दु हत्याओ और कश्मीर में हुई पंडितो की मौत के ऊपर सवाल कर रहा था। Javed जी ने कहा कि उनके बाप दादा ने देश की आज़ादी में अपना ख़ून दिया था तो हम उन्हें इतना कहना चाहते हैं की उनके बाप दादा ने भारत का बँटवारा भी करवाया था। अभी Balasaheb Thackeray की बात हमें याद आयी की अगर मुसलमान देशभक्त होता तो वो पाकिस्तान और बांग्लादेश की माँग नहीं करता।वो हिंदुस्तान का बँटवारा नहीं होने देता। बात तो सत प्रतिशत सही कही थी उन्होंने। साथ में मैं B.R.Ambedkar जी का एक quote पड़ना चाहती हु जहाँ वो कहते हैं की सच्चा मुसलमान भारत को मातृभूमि की तरह नहीं इज़्ज़त दे सकता।इस्लाम मानने वाले हिन्दु को अपना भाई नहीं मानेगे।