Home Actress Payal Rohatgi HD Instagram Photos and Wallpapers December 2020 Payal Rohatgi Instagram - दक्षिण भारत में श्री वेंकटेश्वरम सुप्रभातम् हर मंदिर में सुबह के समय गाया जाता है जिसे MS सुब्बुलक्ष्मी ने गाया है। अब अगर हम वेंकटेश्वर सुप्रभातम् को लिखेंगे तो इससे हम संस्कृत भाषा में लिख सकते हैं जो ज़्यादा तर दक्षिण भारत के लोग नहीं पढ़ पाएँगे। ये 1 बहुत बड़ा ख़ुलासा हे क्योंकि दक्षिण भारत में लोग समझते हैं कि Telugu भाषा संस्कृत भाषा से आयी है और सबसे पुरानी भाषा है मगर इसके बावजूद संस्कृत पढ़ना बहुतों के बस में नहीं है ये देख कर मैं फिर से इतना ही कहना चाहती हूँ की एक सोच है जो सोच में दक्षिण भारत के अंदर एक प्रचलित भाषा नहीं है बल्कि सभी लोग लड़ रहे हैं कि हमारी भाषा दूसरी भाषा से ज़्यादा अच्छी है जिसका कोई फ़ायदा नहीं है क्योंकि दक्षिण भारत के अंत तक अंग्रेज़ी को अपनाया गया है जो हमारे देश की भाषा नहीं है मगर हमारे देश की भाषा हिन्दी भाषा को अपनाया नहीं गया है। एक दूसरी सोच भी है Bharath के अंदर जहाँ पर मेनस्ट्रीम media अगर अंग्रेज़ी में ख़बरें चलायी तो वो ख़बर ज़्यादा सही हो जाएगी और अगर Hindi में news channel ख़बरें चलायी तो वो ख़बर शायद इतनी सही नहीं होगी🤣 तो ये jo सोच है जहाँ पर English को हमारे देश के बुद्धिजीवी लोगों ने अपना लिया है क्योंकि Macaulay जाते जाते convent स्कूलों में English पढ़ाना शुरू करवा गया था गुरुकुल प्रथा बंद करके 🙏 यह सोच जो अंग्रेज़ी को हिंदी से बेहतर मानती है उसे भी बदलना होगा पूरे भारत में ऐसा मैं सोचती हूँ 🙏 #payalrohatgi

Payal Rohatgi Instagram – दक्षिण भारत में श्री वेंकटेश्वरम सुप्रभातम् हर मंदिर में सुबह के समय गाया जाता है जिसे MS सुब्बुलक्ष्मी ने गाया है। अब अगर हम वेंकटेश्वर सुप्रभातम् को लिखेंगे तो इससे हम संस्कृत भाषा में लिख सकते हैं जो ज़्यादा तर दक्षिण भारत के लोग नहीं पढ़ पाएँगे। ये 1 बहुत बड़ा ख़ुलासा हे क्योंकि दक्षिण भारत में लोग समझते हैं कि Telugu भाषा संस्कृत भाषा से आयी है और सबसे पुरानी भाषा है मगर इसके बावजूद संस्कृत पढ़ना बहुतों के बस में नहीं है ये देख कर मैं फिर से इतना ही कहना चाहती हूँ की एक सोच है जो सोच में दक्षिण भारत के अंदर एक प्रचलित भाषा नहीं है बल्कि सभी लोग लड़ रहे हैं कि हमारी भाषा दूसरी भाषा से ज़्यादा अच्छी है जिसका कोई फ़ायदा नहीं है क्योंकि दक्षिण भारत के अंत तक अंग्रेज़ी को अपनाया गया है जो हमारे देश की भाषा नहीं है मगर हमारे देश की भाषा हिन्दी भाषा को अपनाया नहीं गया है। एक दूसरी सोच भी है Bharath के अंदर जहाँ पर मेनस्ट्रीम media अगर अंग्रेज़ी में ख़बरें चलायी तो वो ख़बर ज़्यादा सही हो जाएगी और अगर Hindi में news channel ख़बरें चलायी तो वो ख़बर शायद इतनी सही नहीं होगी🤣 तो ये jo सोच है जहाँ पर English को हमारे देश के बुद्धिजीवी लोगों ने अपना लिया है क्योंकि Macaulay जाते जाते convent स्कूलों में English पढ़ाना शुरू करवा गया था गुरुकुल प्रथा बंद करके 🙏 यह सोच जो अंग्रेज़ी को हिंदी से बेहतर मानती है उसे भी बदलना होगा पूरे भारत में ऐसा मैं सोचती हूँ 🙏 #payalrohatgi

Payal Rohatgi Instagram - दक्षिण भारत में श्री वेंकटेश्वरम सुप्रभातम् हर मंदिर में सुबह के समय गाया जाता है जिसे MS सुब्बुलक्ष्मी ने गाया है। अब अगर हम वेंकटेश्वर सुप्रभातम् को लिखेंगे तो इससे हम संस्कृत भाषा में लिख सकते हैं जो ज़्यादा तर दक्षिण भारत के लोग नहीं पढ़ पाएँगे। ये 1 बहुत बड़ा ख़ुलासा हे क्योंकि दक्षिण भारत में लोग समझते हैं कि Telugu भाषा संस्कृत भाषा से आयी है और सबसे पुरानी भाषा है मगर इसके बावजूद संस्कृत पढ़ना बहुतों के बस में नहीं है ये देख कर मैं फिर से इतना ही कहना चाहती हूँ की एक सोच है जो सोच में दक्षिण भारत के अंदर एक प्रचलित भाषा नहीं है बल्कि सभी लोग लड़ रहे हैं कि हमारी भाषा दूसरी भाषा से ज़्यादा अच्छी है जिसका कोई फ़ायदा नहीं है क्योंकि दक्षिण भारत के अंत तक अंग्रेज़ी को अपनाया गया है जो हमारे देश की भाषा नहीं है मगर हमारे देश की भाषा हिन्दी भाषा को अपनाया नहीं गया है। एक दूसरी सोच भी है Bharath के अंदर जहाँ पर मेनस्ट्रीम media अगर अंग्रेज़ी में ख़बरें चलायी तो वो ख़बर ज़्यादा सही हो जाएगी और अगर Hindi में news channel ख़बरें चलायी तो वो ख़बर शायद इतनी सही नहीं होगी🤣 तो ये jo सोच है जहाँ पर English को हमारे देश के बुद्धिजीवी लोगों ने अपना लिया है क्योंकि Macaulay जाते जाते convent स्कूलों में English पढ़ाना शुरू करवा गया था गुरुकुल प्रथा बंद करके 🙏 यह सोच जो अंग्रेज़ी को हिंदी से बेहतर मानती है उसे भी बदलना होगा पूरे भारत में ऐसा मैं सोचती हूँ 🙏 #payalrohatgi

Payal Rohatgi Instagram – दक्षिण भारत में श्री वेंकटेश्वरम सुप्रभातम् हर मंदिर में सुबह के समय गाया जाता है जिसे MS सुब्बुलक्ष्मी ने गाया है। अब अगर हम वेंकटेश्वर सुप्रभातम् को लिखेंगे तो इससे हम संस्कृत भाषा में लिख सकते हैं जो ज़्यादा तर दक्षिण भारत के लोग नहीं पढ़ पाएँगे। ये 1 बहुत बड़ा ख़ुलासा हे क्योंकि दक्षिण भारत में लोग समझते हैं कि Telugu भाषा संस्कृत भाषा से आयी है और सबसे पुरानी भाषा है मगर इसके बावजूद संस्कृत पढ़ना बहुतों के बस में नहीं है ये देख कर मैं फिर से इतना ही कहना चाहती हूँ की एक सोच है जो सोच में दक्षिण भारत के अंदर एक प्रचलित भाषा नहीं है बल्कि सभी लोग लड़ रहे हैं कि हमारी भाषा दूसरी भाषा से ज़्यादा अच्छी है जिसका कोई फ़ायदा नहीं है क्योंकि दक्षिण भारत के अंत तक अंग्रेज़ी को अपनाया गया है जो हमारे देश की भाषा नहीं है मगर हमारे देश की भाषा हिन्दी भाषा को अपनाया नहीं गया है।

एक दूसरी सोच भी है Bharath के अंदर जहाँ पर मेनस्ट्रीम media अगर अंग्रेज़ी में ख़बरें चलायी तो वो ख़बर ज़्यादा सही हो जाएगी और अगर Hindi में news channel ख़बरें चलायी तो वो ख़बर शायद इतनी सही नहीं होगी🤣

तो ये jo सोच है जहाँ पर English को हमारे देश के बुद्धिजीवी लोगों ने अपना लिया है क्योंकि Macaulay जाते जाते convent स्कूलों में English पढ़ाना शुरू करवा गया था गुरुकुल प्रथा बंद करके 🙏

यह सोच जो अंग्रेज़ी को हिंदी से बेहतर मानती है उसे भी बदलना होगा पूरे भारत में ऐसा मैं सोचती हूँ 🙏 #payalrohatgi | Posted on 27/Dec/2020 13:04:53

Payal Rohatgi Instagram – दक्षिण भारत में श्री वेंकटेश्वरम सुप्रभातम् हर मंदिर में सुबह के समय गाया जाता है जिसे MS सुब्बुलक्ष्मी ने गाया है। अब अगर हम वेंकटेश्वर सुप्रभातम् को लिखेंगे तो इससे हम संस्कृत भाषा में लिख सकते हैं जो ज़्यादा तर दक्षिण भारत के लोग नहीं पढ़ पाएँगे। ये 1 बहुत बड़ा ख़ुलासा हे क्योंकि दक्षिण भारत में लोग समझते हैं कि Telugu भाषा संस्कृत भाषा से आयी है और सबसे पुरानी भाषा है मगर इसके बावजूद संस्कृत पढ़ना बहुतों के बस में नहीं है ये देख कर मैं फिर से इतना ही कहना चाहती हूँ की एक सोच है जो सोच में दक्षिण भारत के अंदर एक प्रचलित भाषा नहीं है बल्कि सभी लोग लड़ रहे हैं कि हमारी भाषा दूसरी भाषा से ज़्यादा अच्छी है जिसका कोई फ़ायदा नहीं है क्योंकि दक्षिण भारत के अंत तक अंग्रेज़ी को अपनाया गया है जो हमारे देश की भाषा नहीं है मगर हमारे देश की भाषा हिन्दी भाषा को अपनाया नहीं गया है। 

एक दूसरी सोच भी है Bharath के अंदर जहाँ पर मेनस्ट्रीम media अगर अंग्रेज़ी में ख़बरें चलायी तो वो ख़बर ज़्यादा सही हो जाएगी और अगर Hindi में news channel ख़बरें चलायी तो वो ख़बर शायद इतनी सही नहीं होगी🤣 

तो ये jo सोच है जहाँ पर English को हमारे देश के बुद्धिजीवी लोगों ने अपना लिया है क्योंकि Macaulay जाते जाते convent स्कूलों में English पढ़ाना शुरू करवा गया था गुरुकुल प्रथा बंद करके 🙏

यह सोच जो अंग्रेज़ी को हिंदी से बेहतर मानती है उसे भी बदलना होगा पूरे भारत में ऐसा मैं सोचती हूँ 🙏 #payalrohatgi
Payal Rohatgi Instagram – भारत के बुद्धिजीवी लोगों से कहना है कि आप लोगों की मंदबुद्धि तो पूरी दुनिया को पता चल गई क्योंकि ShaheenBaug का drama करके आपने उस क़ौम का minority tag छीन लिया जिस क़ौम साल से minority benefits खा रही थी 😹 अब उस क़ौम की जनसंख्या मालूम करने के लिए और बाक़ी जनसंख्या मालूम करने के लिए भारत ke अंदर NRC लागू होना चाहिए।लोगों को अपने काग़ज़ दिखाने चाहिए 🙏

बुद्धिजीवी लोगों ने एक ओर चीज़ expose करी  December 2020 में और वो थी किसानों द्वारा जो बिल की माँग उन्होंने 70 साल से रखी थी उसे पूरी होते हुए देख कैसे उन्होंने सिक्खों को गुमराह कर किसान आंदोलन के नाम से पूरे भारत में आंदोलन कराया और अब कुछ सिक्खों की खालिस्तान वाली सोच सबके सामने आ गयी। 

बुद्धिजीवी अपनी मन्दबुद्धि से राष्ट्र हित में काम करते है और हमें उन्हें धन्यवाद देना चाहिए अखंड भारत की सोच की तरफ़ ले जाने के लिए। अब मैं गुज़ारिश करती हूँ इन intellectuals से के भारत के मुसलमानों का इस्तेमाल करके, किसानों का इस्तेमाल करके, अगर वो नहीं थके तो उन्हें भारत के HAWKERS का इस्तेमाल करना चाहिए 😉

Hawkers भारत के ग़रीब लोग हैं और इनके through नया आंदोलन करना चाहिए जो शायद इन hawkers के लिए सही मायने में उनकी भलाई के लिए हो। भारत के विभिन्न प्रदेशों में migrant लोग शहरों में आते हैं और अपनी rozi roti कमाने ke लिए रास्तों पर सब्ज़ी, फल बेचकर अपना पेट पालते हैं मगर इन hawkers को गुंडागर्दी सहन करनी पड़ती है local corporation की और police की क्योंकि उन्हें licence नहीं diya जाता जायज़ तरीक़े से अपना माल बेचने ke लिए। क्योंकि उनके पास licence नहीं hota वो नाजायज़ तरीक़े से सड़कों पर बैठते हैं। 

सालों से हम देखते हुए आ रहे हैं ये भारत के अमीर लोग चाहते हैं कि भारत ke सड़कों पर ये hawkers ना बैठे और उन्हें उठवाने के लिए कहते हैं परन्तु जब Supreme court का verdict है ke hawkers fundamental right का इस्तेमाल करके Hawking कर सकता है। सारे states के अंदर Open zone, Hawking zone, No Hawking zone होना चाहिए तो अभी तक इसे क्यों लागू किया गया है भारत में ??? 

मैं चाहती हूँ ये बुद्धिजीवी देखें कि अगर hawkers उनकी पसंदीदा कॉम के हैं तो ये मुद्दा ज़रूर उठाएँ और इस मुद्दे पर भी आंदोलन करे क्योंकि शायद ये आंदोलन सही मायने में उनसे कुछ अच्छाई कराएगा देश के प्रति और भारत के गरीबों के प्रति🙏 #payalrohatgi

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