भगवद गीता: अध्याय 16, श्लोक 13-15
आसुरी व्यक्ति सोचते हैं, “मैंने आज बहुत धन अर्जित किया है, और अब मैं अपनी यह इच्छा पूरी करूंगा। यह मेरा है, और कल मेरे पास इससे भी अधिक होगा। उस शत्रु को मैंने नष्ट कर दिया है, और मैं दूसरों को भी नष्ट कर दूँगा! मैं स्वयं भगवान की तरह हूं, मैं भोक्ता हूं, मैं परिपूर्ण हूं, मैं शक्तिशाली हूं, और मैं खुश हूं। मैं धनी हूं और मेरे उच्च पदस्थ रिश्तेदार हैं। मेरे बराबर और कौन है? मैं (स्वर्गीय देवताओं के लिए) यज्ञ करूँगा; मैं भिक्षा दूँगा; मैं आनन्दित होऊंगा।” इस प्रकार वे अज्ञान से मोहित हो जाते हैं। Mumbai, Maharashtra
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:॥
(अष्टादश अध्याय, श्लोक 66)
हिंदी अनुवाद: सभी धर्मो को छोड़कर मेरी शरण में आ जाओ. में तुम्हे सभी पापो से मुक्त कर दूंगा, इसमें कोई संदेह नहीं हैं।
English Translation: Abandon all varieties of dharmas and simply surrender unto me alone. I shall liberate you from all sinful reactions; do not fear. Mumbai, Maharashtra
सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:॥
(अष्टादश अध्याय, श्लोक 66)
हिंदी अनुवाद: सभी धर्मो को छोड़कर मेरी शरण में आ जाओ. में तुम्हे सभी पापो से मुक्त कर दूंगा, इसमें कोई संदेह नहीं हैं।
English Translation: Abandon all varieties of dharmas and simply surrender unto me alone. I shall liberate you from all sinful reactions; do not fear. Mumbai, Maharashtra
Gopashtami ki subhkamnaye ❤️hari bol Mumbai, Maharashtra
Gopashtami ki subhkamnaye ❤️hari bol Mumbai, Maharashtra
वासांसि जीर्णानि यथा विहाय
नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि ।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा-
न्यन्यानि संयाति नवानि देही ॥2.22॥
भावार्थ : जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्यागकर दूसरे नए वस्त्रों को ग्रहण करता है, वैसे ही जीवात्मा पुराने शरीरों को त्यागकर दूसरे नए शरीरों को प्राप्त होता है Mumbai, Maharashtra